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मेरे अंदर आधे गवांर और आधे शहर का कुछ इस तरह से मिलावट है की हमेशा गाँव में शहर और शहर में गाँव ढूँढता हूँ...पिछले एक दशक से जादा टीवी में पत्रकारिता करते हुए लगातार ये महसूस हुआ है हबहुत कुछ पीछे छूटा खास वो बाते जो दूसरो के लिए बकवास या अनाप-शनाप होगा...

Tuesday, May 29, 2012

अनाप शनाप:         यह तुम थी (ये कहानी नहीं मेरे आस-पास के म...

अनाप शनाप:
        यह तुम थी (ये कहानी नहीं मेरे आस-पास के म...
:         यह तुम थी  (ये कहानी नहीं मेरे आस-पास के मेरे अपने है) 1- हॉस्पिटल  के ICU में लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर पि छल े 7 दिनों...

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